आजादी का दिन - प्रियंका सौरभ

 

पन्द्रह अगस्त का यह शुभ दिन
कभी न भूला जायेगा।
स्वर्णाक्षर में अंकित होगा
उच्च अमर पद पायेगा।

मिली नहीं आजादी गफलत से
बूढ़ी माँ ने बेटा खोया है।
चीख चीख कर कहती राखी
हमने अपना भैया खोया है।

अमर तिरंगा रहे हमारा
वीरों ने इसको फहराया।
जाने कितने मिटे देश पर
आजादी का दिन यों आया।

आज शहीदों को जरा हमीं
मिलकर सभी अब याद कर लें।
अर्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन
कुछ प्रार्थना, फ़रियाद कर लें।

इस देश को, इंसानियत को
हम कभी बंटने ना देंगे।
वास्ता अन्न का, जल का हमें
ये शान कभी घटने ना देंगे।
-प्रियंका सौरभ, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045,