जय श्री राम - अशोक गुलशन

 

बाजै बधैय्या हो बाजै बधैय्या,
अवध में बाजै बधैय्या पधारे रामलला।

जगमग गली और चौबारे,
वंदनवार सजे हैं द्वारे।
राम नाम की धुन पर नाचैं,
सुर नर ता ता थैय्या।१।

साथ राम के सीता मैय्या,
पवन पुत्र संग लक्ष्मण भैया।
नर वानर सब एक साथ हैं,
साथ साथ हैं गैय्या।२।

रामलला की छवि अति प्यारी,
दिखी न ऐसी शोभा न्यारी।
हर्षित हुए देख नर नारी,
मैय्या लेंय बलैय्या।३।

वर्षों से थी सतत प्रतीक्षा,
पूरी हुई सभी की इच्छा।
अवध नगरिया धूम मची है,
लहरैं सरजू मैय्या।४।

राम सभी की हैं अभिलाषा,
राम तृप्ति हैं रामहि आशा।
पार उतारे भवसागर से,
राम नाम की नैय्या।५।
- डॉ0 अशोक गुलशन,
उत्तरी कानूनगोपुरा,
बहराइच, उत्तर प्रदेश