मेरी कलम से - ज्योति श्रीवास्तव
Apr 25, 2024, 21:20 IST
चाँद बाहों में भर चाँदनी को लिए,
रात भर प्यार की बात करते रहे।
हम बुलाते रहे उनको नज़रों से पर,
वो झलक भर से अनुपात करते रहे। ..
वो नज़र से करे रहे हमसे शरारत हैं,
हर अदा से आपकी हमको मुहब्बत है।
दिल चुराते हो अजी करते गज़ब हमदम,
जादूगर हो तुम हँसो तो बस कयामत है।
ख्यालों के समंदर से शब्दों को चुराने है,
अल्फ़ाज़ मुहब्बत के गीतों में पिरोने है।
समझो न कभी मन को ढूंढे जो सदा तुझको,
बस पास रहूं हमदम तुझसे ही तराने है।
- ज्योति अरुण श्रीवास्तव, नोएडा, उत्तर प्रदेश