तेरे ख़्यालों में - कमल धमीजा

 

जिंदगी की तंग गलियों से
निकल कर 
खुले नीले आसमान के नीचे,
कुछ पल बीता लूँ तो चलूँ

तेरी यादों के सायें में
वो गुज़रे हुए लम्हें
फिर से चुरा लूँ
तो चलूँ

वो गहरी समंदर सी
वो तेरी नशीली आँखें
उसमे अपनी तस्वीर
बना लूँ तो चलूँ
- कमल धमीजा, फरीदाबाद, हरियाणा