करवा चौथ (पति दिवस) - अशोक यादव

 

मेरे साजन, मैं सुहागन, करवा चौथ व्रत रखी हूँ।
माँगूँगी तेरे लिए लंबी उमर,भूखी,प्यासी बैठी हूँ।।

सोलह सिंगार करके, सिंदूर तेरे नाम के भरके।
तैयार हूँ सज-धज के, प्यार है जन्मोंजनम के।।
सही-सलामत तुम रहो, इसलिए कष्ट सहती हूँ।
मेरे साजन, मैं सुहागन, करवा चौथ व्रत रखी हूँ।।

तुम ही मेरे अच्छे दोस्त हो, तुम मेरे भगवान हो।
तुम ही तपस्या के फल हो, प्रभु के वरदान हो।।
शिव-पार्वती, गणेश की, पूजा-अर्चना करती हूँ।
मेरे साजन, मैं सुहागन, करवा चौथ व्रत रखी हूँ।।

छुप गया चाँद बादलों में, अब कैसे दीदार करूँ।
जीवन साथी पास खड़े, कुछ पल इंतजार करूँ।।
जब उदय हुआ माँगी आशीष, सौभाग्यवती रहूँ।
मेरे साजन, मैं सुहागन, करवा चौथ व्रत रखी हूँ।।
- अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़