गीत - जसवीर सिंह हलधर

 

राम नाम के जाप हो रहे ,ऐसा वातावरण हो रहा ।
सत्य सनातन के चिंतन का, भारत में जागरण हो रहा ।।

रघुनंदन की हुई अयोध्या ,सरयू फूली नहीं समाई ।
दाग धुल गए भारत मां के , छूट गई अंतस की काई ।
सबके संरक्षण वाला अब, रक्षा का आवरण हो रहा ।।
सत्य सनातन के चिंतन का,  भारत में जागरण हो रहा   ।।1

प्राण प्रतिष्ठा से भारत की, छटा अनौखी मतवाली है ।
घर घर दीप जलेंगे अब तो , मनने वाली दीवाली है ।
विश्व गुरू बनने की खातिर, भारत का अवतरण हो रहा ।।
सत्य सनातन के चिंतन का , भारत में जागरण हो रहा ।।2

पांच सदी तक रघुनंदन ने ,  भोगा है निर्वासित जीवन ।
जन गण के मन में पीड़ा थी ,भक्तों के मन में था कृंदन ।
छाया छोड़ गुलामी वाली ,अब नैतिक संभरण हो रहा ।।
सत्य सनातन के चिंतन का भारत में जागरण हो रहा ।।3

जिसने भी यह पाप किया था ,उनका घट अब भी है रीता ।
घाव समय ने सब भर डाले ,आखिर सत्य सनातन जीता ।
राम राज्य के स्थापन का , दिल्ली में अब वरण हो रहा  ।।
सत्य सनातन के चिंतन का ,भारत में जागरण हो रहा ।।4

शब्द शब्द में  राम समाएं,पूरी गरिमा पूरा यश है ।
देता है इतिहास गवाही , संघर्षों से भरा कलश है ।
राम नाम के जैसा निर्मल , "हलधर"का आचरण हो रहा ।।
सत्य सनातन के चिंतन का ,भारत में जागरण हो रहा ।।5
 - जसवीर सिंह हलधर, देहरादून