मनहरण घनाक्षरी - कमल धमीजा
Jun 18, 2024, 22:01 IST
जीने के बहाने यहाँ , मौसम सुहाने यहाँ,
छोड़ अपने देश को, कहीं मत जाइए।
माटी की सुगंध जहाँ, ऐसी है महक कहां,
चूमकर धरती को, तिलक लगाइए।
भाषाओं के कई रंग, घूमते हैं संग- संग,
प्यारे भारत देश का, सम्मान बढ़ाइए।
भारत महान है ये, मेरी पहचान है ये,
जाके पूरे जगत को, शान से बताइए।
- कमल धमीजा, फरीदाबाद हरियाणा