मेरी कलम से - मीनू कौशिक "तेजस्विनी"
Updated: Jan 5, 2024, 23:04 IST
सबने कहा नया साल आया है !
हमने पूछा....मुश्किलों का हल लाया है ??
तो बोला ....हौंसला लाया हूँ ,
जिससे हर तूफान थर्राया है ।
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कैलेंडर के बदलने से , भला क्या हाल बदलेगा,
जड़ों से टूटकर कब तक , वृक्ष की डाल बदलेगा ।
ग्रहों की चाल से हरगिज़ , न बदलेगा मुकद्दर सुन,
तभी बदलेगी किस्मत जब , तू अपनी चाल बदलेगा ।
- मीनू कौशिक "तेजस्विनी", दिल्ली