एक प्रयास - सुनील गुप्ता 

 

आओ लें एक छोटा सा प्रण
कि रखेंगे सकोरे घर के आँगन में  !
नित भरकर उनमें अन्न और जल......,
बढ़ाएंगे मदद का हाथ हम अपने  !!1!!

ये नन्हें नन्हे प्यारे पंछी सुन्दर 
ढूंढें भरी गर्मी में पानी यहां  !
अपने घर की मुंडेर पर रखें......,
इनके लिए दाना और पानी यहां !!2!!

देख भरे सकोरे के जल को 
फिर आएंगे वहां पर पीने पानी  !
करेंगे जल क्रीड़ाएं और मस्ती......,
सुनाएंगे गा-गाकर ये अपनी कहानी !!3!!

छोटा सा सुंदर नेक एक प्रयास
बना जाए बड़े-बड़े है काम  !
बुझाकर जीव-जंतुओं की प्यास......,
दें जीवन जीने का हम पैगाम  !!4!!

है गर्मी बड़ी ये झुलसाने वाली
होगा रखना इनका हमें ही ध्यान  !
करने होंगे जतन और प्रयास...,
भरके रखना होगा जल इसमें पर्याप्त !!5!!

ये जीव-जंतु नहीं बोल सकते
पर, कृपा दयालुता समझते सारे !
रखकर इनसे सहानुभूति और प्यार....,
बनें पर्यावरण के हितेषी हम सारे !!6!!

छोटे-छोटे सभी कारज हमारे
बनाए चलें प्रकृति को आनंदमय  !
रहेंगे जीव-जंतु यदि यहां पे ख़ुश....,
तो, बनेगी ये धरती पूरी सुखमय !!7!!

आओ सहेज कर रखें इस धरा को
और धरती पर बढ़ाएं हरियाली  !
हर जीव-जंतु को मिले जीने का अवसर....,
तभी छाएगी चहुँ ओर खुशहाली !!8!!

एक प्रयास आपका नेकी का
जीवन की धारा बदल जाए  !
इंसान तो इंसान, जीव-जंतु सारे ....,
सभी में अपनत्व प्रेमभाव जगा जाए !!9!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान