गीत - मधु शुक्ला 

 

जब-जब भक्तों ने शुचि मन से,याद किया है गणपति को।
कृपा दृष्टि पाई  है  उनकी , प्राप्त  किया  है  सन्मति को।

बुद्धि  प्रदाता  देव  गजानन, ज्ञान भक्त  को  जब  देते।
ईश भजन की पावन मणि को, भक्त खुशी से तब सेते।
चरण वंदना कर गणपति की, पाते याचक सद् गति को.... ।

गणपति बप्पा का आराधन, उन्नति के अवसर लाता।
यश, वैभव, सम्मान सभी के, श्री गणेश जी हैं दाता।
प्रगति राह शिव सुत दिखलायें, मार गिरायें अवनति को...... ।

सत्य, न्याय के साधक से ही, देव विनायक खुश रहते। 
नहीं दिखावा चाहें गणपति, धर्म ग्रंथ सब यह कहते।
प्रथम पूज्य का शुचि मन वंदन, सिखलायें हम संतति को...... ।
 ----  मधु शुक्ला,सतना, मध्यप्रदेश