सफलता के मंत्र - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

 

बदलाव अपनी सोच में इंसान यदि कुछ ला सके।
जब हों विचार नये तभी ऊँचे शिखर तक जा सके।
पग-पग मिलें कठिनाइयाँ हों दूर थोड़े धैर्य से,
जब दृष्टि हो निज लक्ष्य पर तब ही उसे वह पा सके।

चाहें अगर होना सफल खुद को करें तैयार सब।
उत्तम प्रशिक्षण प्राप्त करके पा सकें निज लक्ष्य तब।
तैयार करना वह व्यवस्था जो समावेशी बने,
मन के मुताबिक फल मिले वातावरण अनुकूल जब।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश