दिल हो सागर जैसा - सुनील गुप्ता
Feb 3, 2023, 22:31 IST
दिल हो सागर जैसा गहरा
तो, नदियाँ ख़ुद ही मिलने आएं !
हो प्यार अगर सच्चा गहरा.....,
तो, प्रभु दर्शन फ़िर हों जाएं !!1!!
हों मन में यदि भाव गहरे
तो, कार्य सफल हो जाएं सारे !
चाहें हो मेघ कितने भी घनेरे......,
बरसे नहीं जब तक धरा पुकारे !!2!!
जीवन को इतना सरल बनाएं
कि, हर ओर से सब गले लगाएं !
हर्षाते चलें सबसे यहां मिलते....,
जीवन में आनंद ही बरसाएं !!3!!
नदी ना पीए स्वयं का जल
वह आ सागर में मिल जाए !
बरसे सागर मेघा बनकर......,
जीवन को अमृतजल दे जाए !!4!!
वृक्ष ना खाए स्वयं के फल
वह चले करता सबकुछ अर्पण !
जीवन को जीएं हर क्षण पल....,
करें जीवन प्रभु को समर्पण !!5!!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान