सूरज का बुखार - रंजन कुमार शर्मा 'रंजन’

 

वर्षा की पहली बौछार,
उतरा सूरज का बुखार।
करने लगे मेंढक फिर डान्स,
मिल गया है उनको चान्स।
धरती पर उतरी वर्षा रानी,
लू-लपट की खत्म कहानी।
काले-काले मेघ निराले,
लगते जैसे हाथी मतवाले।
पूर्वा ने फिर बाजी जीती
संकट की घडिय़ां अब बीती।
झिंगुर की झंकार सुहाए,
वर्षा रानी सबको भाए।
(विनायक फीचर्स)