पिता जैसा कोई नही - राजेश कुमार झा

 

दुनिया में पिता के जैसा और कोई नहीं*
दुनिया में पिता के जैसा कोई और नहीं।
हम लाख जन्म लेकर भी नही उतार सकते उनका कोई ऋण नही।। 
में किस तरह अपने शब्दो में उनको पिरो सकू इतनी मेरी औकात नही।
पिता पिता होता है ईश्वर भी इनके आगे कुछ नही ।।
दुनिया में पिता के जैसा और कोई नही।

एक पिता बच्चो को सब कुछ करता है ना दिन देखे न रात नहीं।।
न धूप न छाव न बरसात की बच्चे परवरिश में न करता परवाह नही।
खुद पुराने कपड़े जूते चप्पल पहने पर  बच्चो को दुखी करता कभी नही ।।
एक कठोर पिता के अंदर भी नर्म दिल इंसान है पर बच्चे समझते सकते  कभी नही।।
एक पिता अपने बच्चो को पढ़ता लिखाता उसको जीवन जीना सिखाता,
फिर भी उसको समझते नही।।
दुनिया में पिता के जैसा और कोई नही। 

बच्चे को उंगली पकड़कर चलना सिखाता ।।
उसके पहले कदम पर साथ निभाता 
गिर जाए तो संभालना बताता।
क्या बच्चो का अपने पिता के प्रति कोई फर्ज नही।।
बच्चे क्यों पिता का बुढ़ापे में उसका सहारा नही बनते,
जिनके लिए कर दिया  उसने अपनी खुशियों को कुर्बान कभी 
पिता पिता होता है इनके आगे तो भगवान भी कुछ नही। 
दुनिया में पिता के जैसा कोई नही 
- राजेश कुमार झा, बीना, मध्य प्रदेश