वहीदा रहमान, भारतीयता से परिपूर्ण अभिनेत्री - डॉ.मुकेश कबीर

 

utkarshexpress.com - वहीदा रहमान इसलिए अनुकरणीय हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा एक हिंदुस्तानी नारी को ही पर्दे पर पेश किया है।वहीदा जी एक मात्र हीरोइन हैं जिन्होंने साबित किया कि अभिनय आंखो से होता है टांगो से नही। पिता के निधन के बाद मजबूरी में उन्हें फिल्मों में आना पड़ा फिर भी उन्होंने शर्त रखी कि कभी भी भद्दे और छोटे कपड़े नही पहनेंगी और मां की मौजूदगी में ही शूटिंग करेंगी। कमाल यह कि फिर भी उन्होंने कमाल किया। आजकल तो मां खुद ही हीरोइन से ज्यादा खुल गई हैं फिर उनकी बेटियों को कौन रोकेगा? वहीदा जी कभी वल्गर नहीं हुई जबकि उन्होंने तवायफ का रोल भी किया। यदि फिल्मकार चाहें तो मर्यादित रहकर भी बहुत अच्छी फिल्म बना सकते हैं। गुरुदत्त और वहीदा की फिल्में इसका उदाहरण हैं,प्यासा की तवायफ भी आज की हीरोइनों से ज्यादा गरिमापूर्ण है। पहले हीरोइंस को अच्छा नहीं माना जाता था लेकिन अब तो अंधेरी और बांद्रा की सड़कों पर ही हमें बेडरूम सीन दिख जाते हैं ऐसे में वहीदा जैसी हीरोइंस एक आश्चर्य ही लगती हैं। गाइड वैसे तो विजय आनंद का करिश्मा है लेकिन इसमें वहीदा जी की प्रस्तुति भी गजब की है, इसलिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला था। उनके बारे में और भी बहुत कुछ कहा जा सकता है लेकिन "भारतीय नारी"कहना ही अपने आप में पूर्ण परिभाषा है जिसको  वहीदा जी ने पूरी ईमानदारी से निभाया है और जिया भी है।(विभूति फीचर्स)