हम तो सफर करते हैं - सुनील गुप्ता
Updated: Aug 12, 2024, 17:50 IST
( 1 ) हम
तो चले
करते सफर अनवरत ,
नहीं ठहरते रुकते यहाँ कहीं पे !
है देश प्रेम धर्म कर्तव्य हमारा प्रथम ..,
सदैव लेकर चलें इन प्राणों को हथेली पे !!
( 2 ) सदैव
लहराए चलें
शिखर पे तिरंगा ,
नहीं झुकने गिरने देंगे कभी इसे !
है मातृभूमि का मान सम्मान जान से प्यारा .,
भले चलें जाएं प्राण इसकी यहाँ पे रक्षा करते !!
( 3 ) स्वर्ग
से महान
जननी जन्मभूमि हमारी ,
नहीं आने देंगे तनिक आँच इसपे !
हैं गौरवान्वित हम अपनी माँ और माटी पे ..,
इसकी ख़ातिर करें न्यौछावर सबकुछ यहाँ पे !!
( 4 ) सफऱ
जिंदगानी का
बहता रहता अजस्त्र ,
नहीं रुकता झुकता ये युद्ध झंझावातों से !
खुश रहे अहले वतन, बना रहे चिरंजीवी .,
यही आस लिए डटे हैं वीर सैनानी सीमाओं पे !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान