ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jun 14, 2024, 22:20 IST
हकीकत मे छुपा ये प्यार अब हंसना सिखायेगा,
मिलोगे जब सजन हमको दिवाना मुस्कुरायेगा।
मुहब्बत दर्द देती है,कदम बहके सदा इसमें,
जमाने मे भला कोई,नही खुशियाँ लुटायेगा।
तू प्यारा है मुझे इतना,नही भूलूं कभी तुमको,
जुदा कैसे रहूंगी मैं, पुकारू यार आयेगा।
नही भूले सजन तुमको, सदा हम याद करते हैं,
तुम्हारा जिक्र जब होगा, मेरा भी नाम आयेगा।
सुकूं की खोज मे निकली,नही मंजिल कभी पायी,
उदासी से घिरी ,रीतू की दुनिया को तू बसायेगा।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़