गजल == Anjana Chadha

जो भी लगते कमतर थे वो ही सबसे बेहतर थे! शहद घुला था बातों में दिल से वो सब बंजर थे! जिनसे मुझको चोट लगी सब बातों के पत्थर थे! आँखों मे जो चुभते रहे यादों के कुछ कंकर थे! गरल पिया और गंगा दी ऐसे भी कोई शंकर थे! उन आँखों का क्या कहना ...
 

जो भी लगते कमतर थे
वो ही सबसे बेहतर थे!

शहद घुला था बातों में
दिल से वो सब बंजर थे!

जिनसे मुझको चोट लगी
सब बातों के पत्थर थे!

आँखों मे जो चुभते रहे
यादों के कुछ कंकर थे!

गरल पिया और गंगा दी
ऐसे भी कोई शंकर थे!

उन आँखों का क्या कहना
जिन में छुपे से खंजर थे!

पिछली रुत जब साथ थे वो
खिले-खिले से मंजर थे!

………………….अंजना