गजल == Anjana Chadha
जो भी लगते कमतर थे वो ही सबसे बेहतर थे! शहद घुला था बातों में दिल से वो सब बंजर थे! जिनसे मुझको चोट लगी सब बातों के पत्थर थे! आँखों मे जो चुभते रहे यादों के कुछ कंकर थे! गरल पिया और गंगा दी ऐसे भी कोई शंकर थे! उन आँखों का क्या कहना ...
Dec 11, 2019, 05:34 IST
जो भी लगते कमतर थे
वो ही सबसे बेहतर थे!
शहद घुला था बातों में
दिल से वो सब बंजर थे!
जिनसे मुझको चोट लगी
सब बातों के पत्थर थे!
आँखों मे जो चुभते रहे
यादों के कुछ कंकर थे!
गरल पिया और गंगा दी
ऐसे भी कोई शंकर थे!
उन आँखों का क्या कहना
जिन में छुपे से खंजर थे!
पिछली रुत जब साथ थे वो
खिले-खिले से मंजर थे!
………………….अंजना