रखवाला =डा.अंजु लता सिंह

तन मन की मस्ती के तार- झंकृत कर दे जो हर बार, उसे पास पाकर लगता हो- मनभावन जीवन संसार, मधु अमृत का प्याला है- सचमुच वह रखवाला है. भय का कोई नाम न हो- गति हो पर विश्राम न हो, चले निरंतर साथ हमारे- उस बिन तो आराम न हो, शत्रु पर लगे जो ...
 

तन मन की मस्ती के तार- झंकृत कर दे जो हर बार,

उसे पास पाकर लगता हो- मनभावन जीवन संसार,

मधु अमृत का प्याला है- सचमुच वह रखवाला है.

भय का कोई नाम न हो- गति हो पर विश्राम न हो,

चले निरंतर साथ हमारे- उस बिन तो आराम न हो,

शत्रु पर लगे जो भाला है- सचमुच वह रखवाला है.

शैशव,यौवन और बुढ़ापा- कट जाते हैं हंसते गाते,

जिसकी छत्र छाया में बैठे- सुख दुख शनै:शनै: मुस्काते,

मन लगता मतवाला है- वह सच्चा रखवाला है .

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डा.अंजु लता सिंह नई दिल्ली