“हिन्दी”==सहदेव सिंह ‘देव’.

हिन्द देश के वासी हिन्दी हमारी भाषा, एक सूत्र में बंधे जन यही है मेरी आशा | हिन्दी है रेशम की डोर जुडे देश का छोर-छोर, उमंग भरा हो जीवन बने एकता की परिभाषा | हिन्दी है सरल सुहानी देवनागरी लिपि पुरानी, सबके मन पर राज करें समीप न आए निराशा | ...
 

 

हिन्द   देश  के   वासी

हिन्दी   हमारी    भाषा,

एक सूत्र में   बंधे  जन

यही  है  मेरी   आशा |

 

हिन्दी है  रेशम की डोर

जुडे  देश का  छोर-छोर,

उमंग  भरा  हो  जीवन

बने एकता की परिभाषा |

 

हिन्दी है  सरल  सुहानी

देवनागरी  लिपि  पुरानी,

सबके मन पर  राज करें

समीप न  आए निराशा |

 

हिन्दी में  हम काम करें

हिन्दी का  सम्मान  करें

हिन्दी बने मेरा अभिमान

यही है ‘देव’  अभिलाषा |

 

हिन्द   देश  के  वासी

हिन्दी   हमारी   भाषा |

 

……सहदेव सिंह ‘देव’…..