कुछ अनकहा सुना जाये =ज्योत्स्ना जोशी
मेरे ख्वाबों के पहलू में कई खुशरंग बातें है ,, करे है जब्द़ जो लम्है वहीं अपने पराये है ,,,,, वक्त की शाख पर हमदम बदलाव भी लाज़िमी है ,, मगर उन छोटी छोटी यादों के पल इन आँखों ने सहेजें है ,,,, अरसों का सफर कैसे पल में यूं गुजर जाये ,, बिखर कर ...
Oct 13, 2019, 07:09 IST
मेरे ख्वाबों के पहलू में कई खुशरंग बातें है ,,
करे है जब्द़ जो लम्है वहीं अपने पराये है ,,,,,
वक्त की शाख पर हमदम बदलाव भी लाज़िमी है ,,
मगर उन छोटी छोटी यादों के पल इन आँखों ने सहेजें है ,,,,
अरसों का सफर कैसे पल में यूं गुजर जाये ,,
बिखर कर फूल अपनी खुशबू को महकाये ,,,
चलो तय हो जाये सदियों के ये फासले भी ,,,
कहीं एक छोर पर में हूँ कहीं तुम हो एक किनारे ,,,
महक कुछ अपनी सी जो छूकर गुजर जाये,
लरजती डालियों की ओट से कुछ अनकहा सुना जाये ,,,,,,,
………….. ज्योत्स्ना जोशी
Chat conversation end
Type a message…