मुझे नही भाता………== कमल धमीजा

मुझे नही भाता तुम्हारा यूँ मुझसे उखड़े-उखड़े से रहना हुई कहा है गलती साजन, कुछ तो मुझे बताना क्यूँ कहते थे फिर तुम मुझको तुम्हें पलकों पर बिठाऊँगा तेरी खूशबू से अपने, जीवन को महकाऊँगा कहाँ गये वो दिन और रातें जो हमने साथ बिताई थी बड़े दिन हो गए है साजन , मेरी ...
 

 

मुझे नही भाता तुम्हारा यूँ मुझसे
उखड़े-उखड़े से रहना
हुई कहा है गलती साजन,
कुछ तो मुझे बताना

क्यूँ कहते थे फिर तुम मुझको
तुम्हें पलकों पर बिठाऊँगा
तेरी खूशबू से अपने,
जीवन को महकाऊँगा

कहाँ गये वो दिन और रातें
जो हमने साथ बिताई थी
बड़े दिन हो गए है साजन ,
मेरी इस तन्हाई के

किया था प्यार तुमसे साजन
दिल की इस गहराई से
प्यार हमारा क्यों पड़ गया,
इतनी अब खटाई में

रह न सकूंगी इक पल अब मैं
सर्दी के इस मौसम में
सुबक-सुबक कर रोती हूँ अब,
मैं साजन तेरी रजाई में

,,,,,,,,,,,,,,,,कमल