मैरे कदम लौट पङे थे…. == Monica Jain
मैरे कदम लौट पङे थे…. तेरी बेरूखी से दिल टूट चुका था तेरी बेवफाई से ऑखो मे नमी थी अपनी रुसवाई से कब तक करती बैठ कर तेरा इन्तजार !!!! मुझे चाहत थी उन जादूई शब्दों की जो मैरा इन्तखाब थे एसा हो न सका…. क्या करती कदम वापस मोङ लिये अचानक ही ….. ...
Aug 22, 2019, 06:46 IST
मैरे कदम लौट पङे थे….
तेरी बेरूखी से
दिल टूट चुका था
तेरी बेवफाई से
ऑखो मे नमी थी
अपनी रुसवाई से
कब तक करती बैठ कर
तेरा इन्तजार !!!!
मुझे चाहत थी
उन जादूई शब्दों की
जो मैरा इन्तखाब थे
एसा हो न सका….
क्या करती
कदम वापस मोङ लिये
अचानक ही …..
मैरे लौटते कदम थम गये
मेरा हाथ थाम कर!!
इतनी कशिश से….
क्या कहना चाहते हो?
तुम्हे मेरी जरूरत है?
लौट आई तो
वापस न जा पाऊगी
बोलो….
रूक जाऊ……..
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मीनू