वतन से इश्क़ = Vinod Sharma

कभी ठंड में ठिठुर के देख लेना🌿 कभी तपती धूप में जल के देख लेना🌿 कैसे होती है हिफाज़त मुल्क की🌿 कभी सरहद पर चल के देख लेना🌿 कभी दिल को पत्थर करके देख लेना🌿 कभी अपने जज्बातों को मार के देख लेना🌿 कैसे याद करते है मुझे मेरे अपने🌿 कभी अपनों से दूर रहकर ...
 

कभी ठंड में ठिठुर के देख लेना
कभी तपती धूप में जल के देख लेना
कैसे होती है हिफाज़त मुल्क की
कभी सरहद पर चल के देख लेना
कभी दिल को पत्थर करके देख लेना
कभी अपने जज्बातों को मार के देख लेना
कैसे याद करते है मुझे मेरे अपने
कभी अपनों से दूर रहकर देख लेना
कभी वतन के लिए सोच के देख लेना
कभी माँ के चरण चूम के देख लेना
कितना मज़ा आता है मरने में यारो
कभी मुल्क के लिए मरके देख लेना
कभी सनम को छोड़ के देख लेना
कभी शहीदों को याद करके देख लेना
कोई महबूब नहीं है वतन जैसा यारो
मेरी तरह देश से कभी इश्क करके देख लेना
मेरी तरह “वतन से इश्क” करके देख लेना
विनोद शर्मा विश