प्रधानमंत्री मोदी की बेहतरीन पहल से हर हिंदुस्तानी अभिभूत =विनोद निराश

यह कहने मे जरा भी अतिश्योक्ति नहीं कि देश की आज़ादी के बाद लगभग 71 वर्षो मे किसी प्रधानमंती ने सेना को पहली बार जम्मू-कश्मीर की कमान खुले दिल से सौंपी है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के पुलवाला की घटना ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी आर पी फ) के ...
 

यह कहने मे जरा भी अतिश्योक्ति नहीं कि देश की आज़ादी के बाद लगभग 71 वर्षो मे किसी प्रधानमंती ने सेना को पहली बार जम्मू-कश्मीर की कमान खुले दिल से सौंपी है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के पुलवाला की घटना ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी आर पी फ) के 44 जवान शहीद होने की घटना से प्रधानमंती खुद आहत और व्यथित दिखे। पूरा देश , पक्ष-विपक्ष आज इस संकट की घडी मे एक साथ खड़ा दिखाई दे रहा है सब की भावनाओं को समझते हुए सेना को खुली छूट देकर प्रधानमंती ने बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है , जो समय की मांग भी है। हालांकि जम्मू-कश्मीर या देश मे इस तरहा का ये कोई पहला पाक प्रायोजित हमला नहीं है , सालों से ऐसे हमले हम झेलते आ रहे हैं। हाँ प्रधानमंती का अपने देश की सेना को ये कहना की सेना ही जगह , समय तय करे की उसे अब क्या कार्यवाही करनी है , कैसे करनी है , सेना को पूरी आज़ादी है , ऐसा निर्णय एक योग्य , शशक्त राजा ही ले सकता है। उसके बाद पाकिस्तान से मोस्ट फवोरेट नेशन का दर्जा वापस लेना, फिर आयात शुल्क 200 प्रतिशत जैसे बोल्ड डिसीजन लेना मोदी की काबलियत का परिचायक है। इतना ही नहीं सदियों से चली आ रही घटिया परम्परा अलगाववदियों की सुरक्षा को वापस लेना मील के पत्थर जैसा है। मीर वाइज मौलवी उम्र फारूख , हासिम कुरैशी ,शब्बीर शाह , बिलाल गनी लोन , प्रो०अब्दुल गनी बट जैसे अलगाववादियों ने हमेशा कश्मीर मे आग मे घी डालने जैसा काम किया है ,नोजवानो को शिक्षा के मार्ग से भटका कर उन्हें भड़काया है , सेना पर पत्थरबाज़ी के लिए उकसाया है , आर्थिक प्रलोभन देकर सेना और देश के खिलाफ उन्हें इस्तेमाल किया है। और अब तक की सभी सरकारें उन्हें ही पालती रही ये सोच कर की शायद कभी न कभी तो कुछ अच्छा होगा, ये लोग सही मार्ग पर आएंगे , देश के हालात बदलेंगे ,मगर वही ढाक के तीन पात। ये जानकर कितनी हैरानी होती है कि जो लोग भारत के खिलाफ ज़हर उगलते रहे उन पर सरकारें प्रत्येक वर्ष, प्रत्येक अलगाववादी पर करोड़ों रुपये खर्च करती रही , बुलेट फ्रूफ गाडी उपलब्ध कराती रही , सुरक्षा के नाम पर 4 से 8 तक सुरक्षाकर्मी देती रही यहां तक क़ि कई अलगाववादियों को ज़ैड श्रेणी की सुरक्षा भी दे राखी थी , विदेशों मे आने जाने का खर्चा , विदेशो मे इलाज करने का खर्चा भी सरकारें देती थी। इन सब बातों की जानकारी आम जनता को तभी लगी जब अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ली गई।
आज देश का हर व्यक्ति आक्रोश से भरा है और आक्रोशित होना भी जायज है क्यूंकि जिसके जगने से हम सोते है ,और जो अखण्ड भारत की मजबूती के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देता है ,सेवा भाव जिनके रक्त के कतरे कतरे में घुला होता है, आज चंद मुट्ठी भर अलगाववादी लोग उन पर घात लगा कर हमला करे और अलगाववादी एवं पाकिस्तान समझता है की हिन्दुस्तानी अवाम चुप-चाप तमाशबीन बना रहे ये कभी हो ही नहीं सकता, क्यूकि सेना के प्रति भी हमारे कुछ कर्तव्य हैं ,उसकी हिफाजत करना हमारा भी धर्म होता है । जिस मजबूती से फिदायीन हमला आतंकवादियों ने सेना पर किया उस से भी जायदा मजबूती से आज पूरा देश सेना के साथ खड़ा है। इसका हर भारतीय पुरजोर विरोध कर रहा है यह देश के लिए शुभ संकेत है, क्यूंकि ये देश की एकता और अखंडता का परिचायक है । अब जरूरत है देश मे छिपे गद्दारों को हम पहचाने ,सेना और सरकार की हम हर सम्भव मदद करें ।आज आतंकवाद का विश्व स्तर पर विरोध की तरफ हिन्दुस्तानी सोच इशारा करती है। विरले ही ऐसी समझ के स्वामी हो सकते है। दुनिया मे हर व्यक्ति किसी खास उद्देश्य को लेकर पृथ्वी पर आया है । हमे समझना चाहिए कि हर हिन्दुस्तानी का पहला धर्म है वतनपरस्ती, जिसकी आज बेहद जरूरत है । वंदे मातरम, जय हिंद ,इन्कलाब, का जयघोष ,यहाँ की मिट्टी के कण कण से हो रहा है। स्वाभिमान और देशभक्ति की भावना से हर हिन्दुस्तानी का खून खोल रहा है । सेना के जवान की देश सेवा के साथ साथ आप और हम भी किसी न किसी रूप मे अपना योगदान दे सकते है, और देना भी चाहिए । जय हिंद, जय भारत वर्ष ,जय हिन्द की सेना।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,विनोद निराश == 09719282989