जल्द होगा पूरा उत्तराखण्ड में टूरिस्ट डेस्टिनेशन का सपना

देहरादून । उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आए इसके लिए सरकार जल्द ही 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने जा रही है। एक साल से भी लंबे समय से जारी यह कोशिश अब जमीन पर उतरने के लिए तैयार है। इसको लेकर शासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है और जल्द ही कैबिनेट ...
 

देहरादून । उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आए इसके लिए सरकार जल्द ही 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने जा रही है। एक साल से भी लंबे समय से जारी यह कोशिश अब जमीन पर उतरने के लिए तैयार है। इसको लेकर शासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है और जल्द ही कैबिनेट में इस पर एक प्रस्ताव लाया जाएगा। उत्तराखंड में हिमाचल, केरल, राजस्थान जैसे राज्यों की तरह ज्यादा टूरिस्ट आएं इसके लिए सरकार प्रदेश में 13 नए पर्यटक स्थल बनाने जा रही है। सरकार को उम्मीद है की इन 13 नए पर्यटक स्थलों से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार ने पिछले साल ही सभी 13 जिलों में नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन की पहचान कर ली थी और जिलाधिकारियों को इनके विकास के लिए विस्तृत प्लान तैयार करने को कहा गया था। सभी जिलाधिकारियों को 50 लाख रुपये भी आवंटित किए गए थे। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि 13 नए डेस्टिनेशन खोलने के लिए सभी जिलों से विस्तृत रिपोर्ट मिल गई है। अब इन्हें मंत्रिमंडल के सामने रखा जाना है जो इन पर फैसला लेगी। पर्यटन सचिव ने कहा के विभाग की ओर से पूरी तैयारी की गई है और आचार संहिता हटने के बाद इस रिपोर्ट को मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा। उत्तराखंड में अब तक कोई नया पर्यटन स्थल नहीं विकसित किया गया है। इसकी वजह से मसूरी, नैनीताल, ऋषिकेश जैसे परंपरागत पर्यटन स्थलों पर दबाव बहुत बढ़ गया है जिसके अनुपात में मूलभूत सुविधाएं बहुत कम पड़ गई हैं। इसकी वजह से यहां आने वाले पर्यटक कभी जाम में फंस जाते हैं तो कभी उन्हें रुकने के लिए ठीक जगह नहीं मिल पाती और गंदगी तो कमोबेश हर जगह दिखती है। इसकी वजह से राज्य में देश ही नहीं विदेशों ले आने वाले पर्यटकों की संख्या भी घटी है। चूंकि पर्यटन राज्य की आय का प्रमुख जरिया है इसलिए त्रिवेंद्र रावत सरकार ने सभी 13 जिलों में 13 नए पर्यटन स्थल बनाने का फैसला किया है। लेकिन यह योजना कितनी सफल होती है यह इस पर निर्भर करेगा कि पार्किंग, शौचालय, अल्पाहार, रुकने की जगह, सफाई और सहज-सुलभ परिवहन सुविधाएं कितनी उपलब्ध होती हैं।