अर्थव्यवस्था हुई चौपट, हटो इमरान खान : मौलाना फजलुर रहमान

utkarshexpress.com / इस्लामाबाद / जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान काफी समय से पाकिस्तान की सरकार को गिराने के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब जहां उनका मानना है कि पाकिस्तान की जनता ने सत्तारूढ़ शासन को हटाने के लिए JUI-F के अभियान को सफलतापूर्वक संगठित किया और अब इमरान ...
 

utkarshexpress.com / इस्लामाबाद /  जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान काफी समय से पाकिस्तान की सरकार को गिराने के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब जहां उनका मानना है कि पाकिस्तान की जनता ने सत्तारूढ़ शासन को हटाने के लिए JUI-F के अभियान को सफलतापूर्वक संगठित किया और अब इमरान सरकार अपने आखिरी दिन गिनना शुरू कर दे। पाकिस्तान समाचार डॉन के मुताबिक, बन्नू में सिट-इन के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, जेयूआई-एफ प्रमुख ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा या तो सरकार देश को संभालने में असमर्थ है या फिर किसी एजेंड़े के तहत देश को नष्ट करने का काम कर रही है। उन्होंने इस दौरान खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का जिक्र किया।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के ‘गोर्बाचेव’ बनने की कोशिश कर रहे हैं। रहमान ने प्रधानमंत्री को चेतावनी दी और कहा, ‘आपकी जड़ें कट गई हैं, आप हिल गए हैं, अब अपने दिनों को गिनें।’ पार्टी के आजादी मार्च के बारे में बात करते हुए, जिसका समापन इस्लामाबाद में हुआ था, उन्होंने कहा कि JUI-F राजधानी में बिना किसी उद्देश्य के नहीं गया था, न ही यह बिना किसी उद्देश्य के लौटा।

बता दें कि जेयूआई-एफ के हजारों कार्यकर्ताओं ने देशभर से आजादी मार्च निकाला था और इस्लामाबाद पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक इमरान खान के इस्तीफ की मांग करते हुए धरना भी दे दिया था। उस दौरान मौलाना ने अपने संबोधन में कहा था कियुद्ध जारी रहेगा। हम पीछे नहीं हट सकते। सभी राजनीतिक दल हमारे संपर्क में हैं। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, रहमान ने कहा कि जब उन्होंने बात की थी, तब भी विपक्षी दल कार्रवाई के अगले कदम के लिए बात कर रहे थे। मौलाना ने कहा कि हम सभी नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद आगे बढ़ेंगे। उन्होंने दोहराया कि इमरान खान सरकार ने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है।  मौलाना ने सवाल किया कि वह अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। बीते साल गेहूं के उत्पादन में 30 फीसदी की कमी आई है। इसी तरह चावल के उत्पादन में 30-40 फीसदी की गिरावट आई है। जेयूआई-एफ सुप्रीमो ने कहा कि 15 लाख गांठ कपास लक्ष्य में से केवल 8 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल किया गया।