उत्तराखण्ड परिवहन विभाग के नाम से भी मिल सकती हैं कई फर्जी साइट

 

उत्तराखण्ड परिवहन विभाग के नाम से भी मिल सकती हैं कई फर्जी साइट

देहरादून । प्रदेश के परिवहन विभाग की वेबसाइट के मिलते-जुलते नाम वाली वेबसाइट बनाकर धोखाधड़ी करने वाले राज्य में तो पकड़े गए हैं। लेकिन यह वेबसाइट अब भी चल रही है। इस साइबर फ्रॉड के पकड़े जाने के बाद फिलहाल परिवहन विभाग को होने वाला नुकसान तो रुक गया है, लेकिन इससे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सरकारी विभागों से मिलते-जुलते नाम से वेबसाइट बनाकर क्या कोई भी इतनी आसानी से फ्रॉड कर सकता है? इस मामले में साइबर एक्सपर्ट कहते हैं हां। साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत कहते हैं कि साइबर वर्ल्ड में होने वाली धोखाधड़ी से बचने का सबसे आसान और सही तरीका का जागरुकता है। आपको खुद ही ध्यान रखना चाहिए कि जिस वेबसाइट का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, कहीं वह फेक तो नहीं है. हालांकि यह काम आसान नहीं है। देहरादून पुलिस ने परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट चलाने वाले जिन धोखेबाजों को पकड़ा है। वह कमर्शियल वाहन चलाने वाले या बाहर से आने वाले ऐसे लोगों से ठगी करते थे जो खुद ऑनलाइन टैक्स जमा नहीं कर सकते थे। साइबर क्रिमिनल तो अच्छे-खासे पढ़े-लिखे लोगों को भी ठग लेते हैं। अंकुर के अनुसार कुछ समय पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की भी फेक वेबसाइट बना ली गई थी। एसबीआई की वेबसाइट है आॅनलाईन एसबीटी डाॅट काम धोखेबाज ने इसमें ओ को जीरो से बदल दिया था। इसकी वजह से वेबसाइट इस्तेमाल करने वाले आसानी से धोखा खा रहे थे। इसी तरह कुछ समय पहले यूपीएससी की भी फेक वेबसाइट बनाकर हजारों अभ्यर्थियों से

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