दोहा - अनिरुद्ध कुमार 

 
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शिक्षक से शिक्षा मिले, शिक्षित का हो मान।
शिक्षा से जीवन तरे, जग करता अभिमान।१।

शिक्षक जग को ज्ञान दें, अनपढ़ बनें सुजान।
जो शिक्षित ज्ञानी बनें, करतें काम महान।२।

मानव तन बेमोल है, बिन शिक्षा या ज्ञान।
शिक्षित तन सोना बनें, कहलाता इंसान।३।

शिक्षक का कर वंदना, शिक्षक से उत्थान।
शिक्षक की होती कृपा, ज्ञानी भरें उड़ान।४।

शिक्षक की जयकार हो, ज्ञान अमृत की खान।
शीश झुका वंदन करें, शिक्षक में भगवान।५।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड
 

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