गणपति प्रभाती - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

लंबोदर हर रूप में, हृदय बसें हैं आप।
इनके ही आशीष से, मिटे सर्व संताप।।
विद्या बुद्धि प्रदान कर, आप बढ़ाएं ज्ञान।
जिसके उचित प्रयोग से, सब पाते सम्मान।।
हे शुभदायक बुद्धि प्रदायक विघ्न हरो सब देव हमारे।
पूजन नित्य करें मन से तव ध्यान करें शुभ मंत्र विचारे।
भक्ति भरो यह भाव लिये अरदास करें हम द्वार तुम्हारे।
सर्व मनोरथ पूर्ण करो चलता यह जीवन आप सहारे।
सुखकर्ता प्रभु आप बन, जीवन रहे सँवार।
बन दुखहर्ता हर रहे, संकट कई हज़ार।।
कृपा दृष्टि जब आपकी, पाता घर परिवार।।
काम क्रोध मद नाश कर, रचें सुखी संसार।
दस दिन तक उत्सव चले, खुशी दिखे हर ओर।
गली - गली में गूँजता, जय बप्पा का शोर।।
दर्शन को आतुर सभी, जपते गणपति नाम।
सम्मुख आकर भक्ति से, करते उन्हें प्रणाम।।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश