गीतिका - मधु शुक्ला
Wed, 18 Jan 2023

शीत ऋतु में हर किसी को सूर्य अति प्यारा लगे,
जब बचाये ठंड से वह आँख का तारा लगे।
त्याग कर दक्षिण दिशा जब रवि चले उत्तर तरफ,
हर्ष से प्रमुदित हमें संसार यह सारा लगे।
सूर्य ऊर्जा के बिना संसार चल सकता नहीं,
बाँटता ऊर्जा सदा रवि प्रीत की धारा लगे।
भावना उपकार की लेकर तपे सूरज सदा,
त्याग सेवा भाव का रवि श्रेष्ठतम नारा लगे।
सूर्य की संवेदना ममतामयी बाबा बनी ,
प्रेम की धुन में मगन दिनमान बंजारा लगे।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश