गीतिका - मधु शुक्ला
Wed, 25 Jan 2023

हमें तिरंगा लहरा कर के , करता हर्ष प्रदान है
गणतंत्र देश सबसे प्यारा, मेरा हिन्दुस्तान है।
उच्च हिमालय शीश उठाकर, गौरव गाथा गा रहा,
भारतीय वीरों पर उसको, बहुत अधिक अभिमान है।
गंगा की पावन धारा दे , निर्मलता संसार को ,
धरा हिन्द की इसको पाकर, बिखराती मुस्कान है।
मान सभी धर्मों का होता, अनेकता में एकता ,
भारतीय संस्कृति की जग में, विशिष्ट यह पहचान है।
संविधान संचालक सबका, जन प्रतिनिधि संभालते ,
मालिक भारत में जनता है, यह जानता जहान है।
— मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश