गजल - रीतू गुलाटी
Sat, 9 Jul 2022

मिलाओ दिल से दिन भी हँसाने लगेगे।
सुनो प्रेम संगीत गम को भुलाने लगेगे।
नही चाह कुछ भी बिना आपके जी
मिलो.. जिंदगी. में .तराने लगेगे।।
करो काम दुनिया में ऐसा अजी तुम।
तुझे जग में फरिश्ता बताने लगेगे।।
सही को गलत कह नही भूलकर भी।
उड़ा कर हँसी दिल दुखाने लगेगे।
हवा गुनगुनाती है *रीतू अभी तो।
इशारा समझ मुस्कुराने लगेगे।।
- रीतू गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़