गजल - ऋतु गुलाटी
Tue, 2 Aug 2022

चाहत तेरे दिल में मैने पायी है।
हरियाली लब पे खुशियाँ लायी है।
मतवाले मौसम ने ली अँगडाई।
देखा आँखो में मेरे मस्ती छायी है।
प्रेम भरोसे पर टिकी दुनिया सारी।
है लगी प्रेम लौं जीवन को भायी है।
ये सूनापन निगल ना जाये तुम बिन।
हाथ थाम लो रूत मिलन की आयी है।
तडपू मिले दामन मे तन्हाईयाँ।
सुने. रीतू जब बजती शहनाई है।
- रीतू गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़