ग़ज़ल - ऋतु गुलाटी 

 
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अजी आपके हम सहारे रहेगे।
बिना आपके हम बिचारे रहेगे।

अकेले कटे वक्त बेबस हुऐ हैं।
मिले साथ तेरा तुम्हारे रहेगे।

सुलगते रहे दिल मे आँसू जहर बन।
तभी आज रिश्ते बिगडते रहेगे।

अरे जिंदगी में अँधेरे घने हैं।
मिला साथ अब तो उजाले रहेगे।

न जा छोड़ कर अब दुआ माँगती हूँ।
तुम्हारे बिना हम अकेले रहेगे।

सताना नही अब बुरा बोल कर तुम।
तुम्हारे सभी बोल मीठे रहेगे।

सुनी बात तेरी चमन खिल गया है।
बगिया में बैठे दिवाने रहेगे।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली चंडीगढ़
 

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