ग़ज़ल - ऋतु गुलाटी
Mon, 2 Jan 2023

आज भूले ये चर्चा नये साल मे।
लौट आना दुबारा नये साल में।
आ सजा ले नये ख्याब दिल मे कही।
आ करे हम भी वादा नये साल में।
यार का प्यार हमको मिला है बहुत
अब न करना बहाना नये साल मे ।
छोड़ दो अब बुरे काम को यार तुम।
अब नया तुम सिखाना नये साल मे।
प्यार करना सिखाया अजी आपने।
दिल नही तुम दुखाना नये साल मे।
आज देते सभी हमको ढेरो दुआ।
हम करे कुछ भी अच्छा नया साल में।
दर्द तेरा अजी सह न पायें कभी।
दूर हो अब ये शिकवा नये साल में।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली , चंडीगढ़