गजल - ऋतु गुलाटी
Fri, 6 Jan 2023

यार हमको प्यार से घर को बुलाने आ गये।
हाय हमको वो सभी भी आजमाने आ गये।
आज आती ही रही कि याद तेरी हमको थी।
बेवजह तुम अश्क क्यो यारा बहाने आ गये।
रूठ कर अब आप क्यो जाने लगे हो आजकल
हार कर हम प्यार तुम पर अब लुटाने आ गये।
जिंदगी भी आज हमको खूबसूरत सी दिखी।
साथ अब तेरा मिला हम, गुनगुनाने आ गये।
बात दिल की अब कहो कैसे छुपाये आज तो
राज दिल का तुमको सारा अब बताने आ गये।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली , चंडीगढ़