गजल - रीतूगलाटी
Tue, 14 Jun 2022

दबा है ये लावा जुबानी न पूछो
मिरी जान मेरी कहानी न पूछो।।
जले है अभी राज दिल मे कही।
हमी से हमारी कहानी न पूछो।।
गयी खो, हमी से हमारी निशानी।
अरे,हमसे भूली निशानी न पूछो।।
चला इश्क का जोर यारा हमी पे।
सजन आज हमसे जवानी न पूछो।
रहे तड़फती अब पनाहो मे *रीतू।
अरे,छोड़ जुल्मी को पानी न पूछो।।
- रीतूगलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़