ग़ज़ल - विनोद निराश
Sep 10, 2022, 10:27 IST

तेरे इश्क़ का असर है,
दिल खुद से बेखबर है।
तेरी बेरुखी भी निभाई,
ये हमारा ही जिगर है।
गाफिल है आज कल तू,
सुर्ख़ियों में ये खबर है।
बगैर तेरे ये ज़िंदगी भी,
जैसे सहरा में शज़र है।
रात कटती है आँखों में,
अपनी तो ऐसे गुजर है।
तेरे जाने के बाद अब,
अधूरा सा ये सफर है।
तेरी यादों से वाबस्ता,
निराश कोई बशर है।
- विनोद निराश , देहरादून