हिंदी ग़ज़ल - जसवीर सिंह हलधर
Mon, 18 Apr 2022

हिन्दू मुस्लिम जपने वालो, अपना खुद ईमान बचा लो ।
जाति पाति का भेद न छेड़ो, अपना देश निशान बचा लो ।
संविधान सबसे ऊपर है, मज़हब तो केवल दर्शन है ,
तीखी वाणी जहर न घोलो भारत की पहचान बचा लो ।
दंश गुलामी सबने झेला, खून बहा आज़ादी पायी ,
मिलकर सेवा करो राष्ट्र की ,पुरखों का सम्मान बचा लो ।
याद करो वीरों की गाथा , याद करो इतिहास देश का ,
प्राण दिए हैं जिन वीरों ने , उनका तो यशगान बचा लो ।
तुलसी की चौपाई गाओ , मिर्ज़ा ग़ालिब भूल न जाओ ,
साहित्यक रथ रहे दौड़ता ,कविता के सोपान बचा लो ।
विश्व गुरु बनने का सपना , पूरा हमको ही करना है ,
यज्ञ पूर्ण होवे "हलधर" का ,यह सुंदर अरमान बचा लो ।
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून