जय बजरंगबली - भूपेन्द्र राघव
Sun, 17 Apr 2022

अंजनी-पवन पूत, बल बुद्धि में अकूत,
प्रभु राम जी के दूत, मेरे हनुमान जी ।
बिगड़े बनाते काम, जपो एक राम नाम,
यही नाम चार धाम, करो हिय ध्यान जी।
चहुँ ओर बाजे डंका, त्रेता युग फूँकी लंका,
कलयुग नहीं शंका, जले पापिस्तान जी ।
रुद्र अंश अवतार, विनती है बार-बार,
कर देना भव पार, जीवन का यान जी ।
- भूपेन्द्र राघव, खुर्जा , उत्तर प्रदेश