तुम्ही से नेह जागा है - ऋतु गुलाटी
Tue, 26 Jul 2022

चले आओ न तड़फाओ तुम्ही से नेह जागा है,
ये मन्नत का तुम्ही से बाँध लिया आज धागा है।
चले आओ सताना ना कभी दिलदार मेरे अब,
सुनो बालम सताते क्यो तुम्ही से प्यार बाँधा है।
मिली राहे अकेली वक्त के हर मोड़ पे अब तक
अजी इस जिंदगी ने हमे खुद आजमाया है।
तबाही में झुका माथा न घबराया कभी दिल तो,
कहाँ लायी हमे तकदीर रास्ता भी न पाया है।
चलेगी साँस तेरे प्यार के धागे बंधी होकर,
गुजारेगे घड़ी हर पल न दूरी अब जताया है।
छुपा लो यूँ हमे दिल मे सजे मंदिर की मूर्ति सा,
हुऐ तेरे अजी अब तो सनम को आज पाया है।
कटेगी रात कैसे अब कहा जाता नही रीतू,
सिमट के दर लिये अब प्रेम का दीया जलाया है।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़