आओ लेकर चक्र सुदर्शन - हरी राम यादव
लेकर चक्र सुदर्शन कृष्ण कन्हैया,
आओ भारत में तुम इस बार।
रोती बिलखती द्रौपदी पुकारे,
बढ़ गया है भीषण अत्याचार।
रोज हो रहे अनेकों चीर हरण
सत्ता कर रही केवल वोट व्यापार ।
अपने शासन में चुप मार के बैठें,
नेता दूसरें में मचाएं हाहाकार।
चाल दुधारी बनी बड़ी बीमारी,
डूबा सारा प्रशासन और सरकार ।
पुलिस व्यवस्था की हाल न पूछो,
पीड़ित बेटी थाने पर रोवें बेजार।
मारे मारे गोवंश गलियों में घूमें,
गौशाला में खाने पीने को लाचार।
सब भूसा दाना खा खा कर तंत्री,
बनें घूम रहे बडके गोपालन हार।
अब चल रहा तुम्हारे भारत में,
केवल रेवड़ी कल्चर का व्यापार।
जनता के जनमत को बता धता,
नेता कहीं भी जाने को हैं तैयार।
अब काम न चलेगा बंशी वादन से,
देश में तुम्हारे बहरों की हुई भरमार।
सिसक सिसक कर बेटियां पुकारें,
नागों को नाथो नाथ आकर इस बार।।
- हरी राम यादव , अयोध्या , उत्तर प्रदेश