अगुली माल डाकू (भोजपुरी) - श्याम कुंवर भारती
बनवा के बिचवा बीचवा नारद मुनि जात रहले धीरे धीरे,
हे आहे रामा ओही रे बनवा डकुआ रहिया नारद रोकले हो राम।
लूटी लूटी रहिया में सभ कर काटी के अंगुरिया सभ कर,
गूंथी गूंथी मलवा में गरवा अपने पहिनले हो राम।
हे आहे रामा ................।
रंतनाकर रहे नाम उनकर लूटपाट रहे काम उनकर ,
ऋषि कुल के नमवा पनिया में बोरले हो राम।
हे आहे रामा ...................।
नारद के लूटी वीना कमंडल पेडवा में बांधी दिहले जंगल के भीतर,
लूट पाट छोड़ा राम नाम जपा ज्ञानवा नारद दिहले हो राम।
हे आहे रामा.......................।
लुटिया के पपवा बटोरेला डाकू भागी का परिवार तोहार बनी हो,
जा तनी पुछिके आवा नारद डकुईया के घरवा़ भेजले हो राम।
हे आहे रामा.........................।
जबले रहला लइका बेटा पालन तोहार कइली बेटा बाप माई कहले हो,
पपवा के भागी हम नाही बनब बतीया माई बाप समझवले हो राम।h
हे आहे रामा ..................।
हम हई मेहराऊ तोहरो पुरावा चाहे जईसे खर्चा हमरो,
पपवा के भागी हम नाही बनब डकुवा के मनवा झकझोरले हो राम।
हे आहे रामा........................।
भागल अइले डाकू नारद के गोड़वा गिरी कहले भइल भूल भारी हो,
मुकती के रहिया दिखावा रोई रत्नाकर गोहरिया लगवले हो राम ।
हे आहे रामा.....................।
राम नाम जपा रत्नाकर राम के महिमा बड़ा भारी रहिया मिल जाई हो.
मरा मरा कहत कहत रत्नाकर राम राम जपे लगले हो राम ।
हे आहे रामा......................।
अंगुली माल डाकू बाल्मिकी बनले रामायण के रचना कईले।
भगवान राम से नेहिया जीनिगिया आपन लगवले हो राम।
हे आहे रामा ओही रे बनवा डकुआ रहिया नारद रोकले हो राम।
- श्याम कुंवर भारती, बोकारो,झारखंड मो.9955509286