ऐ सावन - झरना माथुर
Sep 1, 2023, 20:57 IST

ऐ सावन तू जरा थम के बरस,
अब इतनी भी प्यासी नहीं धरा।
मत लांघ तू अपनी सीमाओं को,
अति बुरी है कुछ तो तू सोच जरा।
दरियाओ को अब समंदर कर दिया,
इस दरियादिली से अब तो ना डरा।
चारों ओर मची है त्राहि-त्राहि,
देख लोगों का क्या हाल है बुरा।
क्यों क्रोधित है अरे कुछ तो बता,
गुजारिश है बस शांत हो ज़रा।
- झरना माथुर, देहरादून , उत्तराखंड