भगवन्नाम - सुनील गुप्ता
( 1 ) " भ ", भरोसा
है जिसे
श्रीहरि भगवन्नाम पे ,
वह करता, चले यहाँ संकीर्तन !
( 2 ) " ग ", गर्वित
होए चले
स्वयं अपने आप पे ,
और करते, रहें नित्य सुमिरन !!
( 3 ) " व ", वरदे
वीणादायिनी सविता
प्रज्ञा विवेक सदबुद्धि हमें ,
और सदा हमपे, वरदहस्त बनाए रखे !!
( 4 ) " न् ", न्योछावर
करते रहें
श्रद्धासुमन श्रीहरि को अर्पण ,
और बने रहें, सदा श्रीचरणों में !!
( 5 ) " ना ", नाम
जपते चलें
हरेक क्षण पल यहाँ पे ,
और राम-राम का, अभिवादन करते रहें !!
( 6 ) " भगवन्नाम ", भगवन्नाम
जो भजे
वही हरिभक्त प्रिय कहलाए ,
और लिवाने, उसे स्वयं श्रीहरि आएं !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान