माँ का द्वितीय रूप ब्रह्मचारिणी - कालिका प्रसाद
Oct 17, 2023, 23:10 IST

माँ दुर्गा तुम्हारे अगणित रूप है,
माँ का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी।
माँ तुम श्वेत वस्त्र धारणी हो,
तुम सर्वव्यापी और सर्वज्ञ हो।
एक हाथ में तुम्हारे कमंडल है,
माँ दूसरे हाथ में तुम्हारी माला।
हमारे रोम-रोम में तुम बस जाओ,
माँ इस जीवन में भक्ति जगाओ।
दुर्गुणों कि संहार कर दो ब्रह्मचारिणी,
घर-घर खुशहाली ला दो मातेश्वरी।
सबकी बुद्धि तुम निर्मल कर दो,
हृदय मे संयम, प्रेम, स्नेह भर दो।
माँ तुम्हारा नित हृदय मेें वास हो,
हे माँ ब्रह्मचारिणी हे माँ ब्रह्मचारिणी ।
- कालिका प्रसाद सेमवाल
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रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड