चैत्र नवरात्र (पंचम दिवस माँ स्कंदमाता) - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

 
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पूज्यनीय स्कंद माँ, भक्त खड़े तव द्वार।
नवरात्रों के पर्व में, सजा भव्य दरबार।।
कार्तिकेय की मातु तुम, बरसाती हो प्यार।
पूर्ण करो मन कामना, दो इच्छित उपहार।।
षष्ठम दिवस ( माँ कात्यायिनी) - 
कात्यायिनी विराजतीं, षष्ठ दिवस नवरात्र।
करते मां की साधना, भरी भक्ति मन मात्र।।
जो करते आराधना, लेकर प्रफुलित गात।
देवी की मिलती कृपा, बनती बिगड़ी बात।।
- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी,नोएडा, उत्तर प्रदेश

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