छंद - जसवीर सिंह हलधर
Jan 14, 2024, 22:34 IST
संतों के भी संत थे वो विवेकी अनंत थे वो ।
लिपि में हलंत जैसे, ज्ञान अनुगामी थे ।।
संयमी अपार थे वो ,ज्ञान का भण्डार थे वो ।
सत्य औ सनातन के , पूर्ण परिणामी थे ।।
दुनियां में घूम-घूम , हिन्द की मचाई धूम ।
ध्यान योग साधना के , सत्य पथ गामी थे ।।
धर्म अधिवक्ता थे वो ,वेदों के प्रवक्ता थे वो ।
भक्ति और मुक्ति के वो , वैदिक आयामी थे ।।
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून