दोहे - अनिरुद्ध कुमार
Thu, 16 Jun 2022

सत्य सदा हीं बोलिए, सत्य का नित बखान।
सत्य पर संसार टिका, सत्य अमृत की खान।१।
सत्य हीन क्या जिंदगी, मानो जहर समान।
सत्य से बड़ा कुछ नहीं, सत्य पर हो गुमान।२।
सत्य कभी बेबस नहीं, जाने सकल जहान।
सत्य सदा सर चढ़ रहे, जग करता सम्मान।३।
सत्य वचन मन मोह ले, सत्य राह पहचान।
सत्य जाके हृदय बसे, वह सच्चा इंसान।४।
सत्य का पक्षधर बनों, सत्य निहित मुस्कान।
सत्य वचन कहते रहो, सत्य राह आसान।५।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड